October 6, 2025 10:17 am

Author - भाषा सिंह

1971 में दिल्ली में जन्मी, शिक्षा लखनऊ में प्राप्त की। 1996 से पत्रकारिता में सक्रिय हैं।
'अमर उजाला', 'नवभारत टाइम्स', 'आउटलुक', 'नई दुनिया', 'नेशनल हेराल्ड', 'न्यूज़क्लिक' जैसे
प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य कर चुकी हैं। मैला ढोने जैसी अमानवीय प्रथा पर गहन काम किया है।
दलितों, अल्पसंख्यकों, लैंगिक मुद्दों और अन्य हाशिए के समुदायों पर लेखन के लिए जानी जाती हैं।
2005 में प्रभा दत्त संस्कृति फ़ेलोशिप से सम्मानित हुईं। 2007 में रामनाथ गोयनका पुरस्कार
(प्रिंट, हिंदी) से वर्ष की सर्वश्रेष्ठ पत्रकार के रूप में सम्मानित किया गया। इसके अलावा उन्हें
एनएफ़आई फ़ेलोशिप, पैनोस फ़ेलोशिप और परी फ़ेलोशिप भी प्राप्त हुई हैं।
दो पुस्तकों की लेखिका हैं – अनसीन (अदृश्य भारत) और शाहीन बाग: लोकतंत्र की नई करवट

28 महीने बाद मणिपुर पहुँचे मोदी: सवालों, पीड़ाओं और अधूरी जवाबदेही के बीच

PM मोदी 28 महीने बाद मणिपुर पहुँचे। हिंसा, विस्थापन और महिलाओं पर अत्याचार के बीच शांति-विकास का दावा, पर जवाबदेही और अफसोस नदारद।

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भाकपा (माले) महासचिव दिपांकर भट्टाचार्य से बेबाक बातचीत—नेपाल के जनविद्रोह, भ्रष्टाचार, बिहार SIR विवाद, वोटर अधिकार यात्रा और विपक्षी गठबंधन पर गहन विश्लेषण।

एक टेंडर, तीन कंपनियां- तीनों के मालिक रामदेव के साथी बालकृष्ण

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट ने खुलासा किया कि उत्तराखंड की धामी सरकार ने एडवेंचर टूरिज़्म प्रोजेक्ट का टेंडर बाबा रामदेव और बालकृष्ण की कंपनियों को दिलाने के लिए...

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ADR के संस्थापक जगदीप छोकर का 12 सितंबर 2025 को निधन। उन्होंने चुनावी पारदर्शिता, लोकतांत्रिक सुधार और "वन पर्सन, वन वोट" की लड़ाई लड़ी। पढ़ें पूरी श्रद्धांजलि।

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वाराणसी दौरे पर पीएम मोदी से पहले कांग्रेस नेता अजय राय और सैकड़ों कार्यकर्ता हाउस अरेस्ट। विपक्ष का आरोप—मोदी सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है। क्या “वोट चोर गद्दी...

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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय चुनाव आयोग को आदेश दिया है कि बिहार के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) में आधार कार्ड को 12वें वैध दस्तावेज़ के रूप में शामिल किया जाए। यह फैसला...

वेनिस फिल्म फेस्टिवल में भारत का सम्मान और गाज़ा पर सच्चाई बोलने का साहस

भारतीय फिल्ममेकर अनुपर्णा राय ने वेनिस फिल्म फेस्टिवल में Songs of Forgotten Trees के लिए बेस्ट डायरेक्टर अवॉर्ड जीता। गाज़ा के बच्चों के पक्ष में उनके भाषण ने दुनिया को...

लाइवस्ट्रीम होते जनसंहार पर दुनिया की चुप्पी

फिलिस्तीन के गाज़ा में 700 दिनों से चल रहे नरसंहार की भयावह तस्वीर। नेतन्याहू की युद्धनीति, अमेरिकी समर्थन, पत्रकारों की हत्या और वैश्विक चुप्पी पर विशेष रिपोर्ट।

अगर अश्विनी नहीं वाकई फ़िरोज होता तो क्या फिर भी मीडिया चुप रहता?

मुंबई धमाका साजिश में आरोपी अश्वनी कुमार निकला, लेकिन मीडिया चुप है। सोचिए, अगर यही आरोपी मुसलमान होता तो कैसी सनसनी मचती। पढ़िए नफरत फैलाने वाले इकोसिस्टम की पड़ताल।

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