बिहार में तीसरे दिन की वोटर अधिकार यात्रा: जवाबी हमले भी तेज़, पिक्चर अभी शुरू हुई है
बिहार की राजनीति इस समय राहुल गांधी की “वोटर अधिकार यात्रा” से गरमाई हुई है। तीसरे दिन नवादा में राहुल गांधी ने जिस तरह से चुनाव आयोग और मोदी सरकार पर सीधा हमला बोला, उसने राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है। बारिश में भीगते हुए राहुल गांधी ने गया में चुनाव आयुक्तों को चेतावनी दी कि “जब हमारी सरकार आएगी तो आपके किए गए दोषों की सजा जरूर दिलाई जाएगी।”
तेजस्वी यादव और दीपांकर भट्टाचार्य संग राहुल गांधी
इस यात्रा की शुरुआत सासाराम से हुई थी और यह 1 सितंबर को पटना में समाप्त होगी। यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ ड्राइविंग सीट पर लगातार तेजस्वी यादव मौजूद हैं, वहीं CPI(ML) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य भी सक्रिय रूप से शामिल हैं। यह तिकड़ी बिहार की राजनीतिक जमीन पर एक नए समीकरण की तस्वीर पेश कर रही है।
INDIA गठबंधन का पलटवार
इसी बीच, INDIA गठबंधन ने उपराष्ट्रपति पद के लिए बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। रेड्डी न तो किसी पार्टी से जुड़े हैं और न ही सक्रिय राजनीति से—वे एक जस्टिस और जूरिस्ट रहे हैं। NDA ने तमिलनाडु के राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाकर डीएमके वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की थी, जिसका जवाब INDIA गठबंधन ने इस रणनीति से दिया।
राहुल गांधी का सीधा हमला: “यह देश अडानी-अंबानी का नहीं”
राहुल गांधी ने अपने भाषणों में सीधे तौर पर मोदी सरकार को कॉर्पोरेट परस्त करार दिया। उन्होंने कहा:
- “पहले आपका वोट काटा जाएगा, फिर आपकी जमीन अडानी-अंबानी को दी जाएगी।”
- “यह देश किसानों, मजदूरों, युवाओं और छोटे व्यापारियों का है, न कि कुछ अरबपतियों का।”
उनके भाषणों की शैली अलग है—वह क्रोनोलॉजी समझाकर जनता से संवाद स्थापित कर रहे हैं। यही वजह है कि बड़ी संख्या में लोग धूप-बारिश में भी उनके कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं।
विशेष संशोधित मतदाता सूची पर सवाल
बिहार में चल रही Special Intensive Revision (SIR) प्रक्रिया को लेकर भारी विवाद है। लाखों मतदाताओं के नाम काट दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा है कि नाम काटे क्यों गए, किस आधार पर काटे गए और पूरी सूची मशीन रीडेबल फॉर्म में प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
राहुल गांधी ने इसे लोकतांत्रिक अधिकार पर हमला बताते हुए कहा कि यह सिर्फ वोट का अधिकार छीनना नहीं है, बल्कि भोजन, राशन और अन्य बुनियादी अधिकारों पर भी डाका है।
जनता का समर्थन और राहुल का आत्मविश्वास
बिहार की भीड़, नारे और पोस्टर भी इस यात्रा को नया राजनीतिक रंग दे रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि कई नारे CPI(ML) की टीम ने तैयार किए हैं, जिन्हें अब कांग्रेस ने भी अपनाया है।
राहुल गांधी ने संविधान पर आक्रमण करने वालों को चेतावनी दी:
“भारत माता का संविधान न मोदी जी मिटा सकते हैं, न चुनाव आयोग।”
निष्कर्ष
राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा अब सिर्फ एक चुनावी कार्यक्रम नहीं रह गई है। यह बिहार की जनता के बीच लोकतांत्रिक अधिकारों और कॉर्पोरेट लूट के खिलाफ एक आंदोलन का रूप लेती जा रही है। मोदी सरकार और चुनाव आयोग पर उनके सीधे हमले ने माहौल गरमा दिया है और यह स्पष्ट कर दिया है कि राहुल गांधी विपक्ष के सबसे बड़े चेहरे के रूप में उभर रहे हैं।