भारत ने तालिबान से रिश्ते सामान्य किए, काबुल में दूतावास खोलने की तैयारी। क्या यह कूटनीति है या मोदी सरकार की दोहरी राजनीति?
भारत ने तालिबान से रिश्ते सामान्य किए, काबुल में दूतावास खोलने की तैयारी। क्या यह कूटनीति है या मोदी सरकार की दोहरी राजनीति?