बैंगलोर कॉन्क्लेव में मोहन भागवत ने ‘सब हिंदू हैं’ और ‘हिंदू सभ्यता’ का दावा दोहराया। इस भाषण के राजनीतिक अर्थ, विरोधाभास और आरएसएस एजेंडा का विस्तृत विश्लेषण।
Hindutva Politics
कांवड़ यात्रा अब श्रद्धा नहीं, बल्कि उपद्रव, हिंसा और राजनीति का हथियार बनती दिख रही है। शिवभक्ति के नाम पर फैलती नफरत और कावड़ियों की अराजकता पर विस्तार से पढ़ें।
लेखक विचारक राम पुनियानी ने बताया कि कैसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिस अखंड भारत का सपना बेच रहा है वह झूठा व असंभव है। देश के विकास का रास्ता पड़ोसी देशों से दोस्ती के...
