December 8, 2025 12:19 am
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लोकतंत्र या राजशाही की ओर भारत!

मोदी सरकार का 130वां संविधान संशोधन बिल विपक्ष के निशाने पर। राहुल गांधी ने कहा- लोकतंत्र राजशाही में बदल रहा है। संसद और बिहार में जोरदार विरोध, संवैधानिक विशेषज्ञों ने बताया असंवैधानिक।

विपक्ष को डराने के लिए बिल लाई सरकार, लेकिन राहुल ने तो नया हमला बोल दिया

संसद के भीतर और बिहार की सड़कों पर विपक्ष ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए 130वें संविधान संशोधन बिल के खिलाफ ज़ोरदार विरोध दर्ज कराया। यह बिल कहता है कि यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री 30 दिन या उससे अधिक समय के लिए गिरफ़्तार होता है, तो उसे बिना किसी न्यायिक प्रक्रिया के, केवल गिरफ्तारी के आधार पर अपने पद से इस्तीफा देना होगा।

विपक्ष का कहना है कि यह प्रावधान लोकतंत्र की जड़ों को खोदने वाला है। कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद को “राजा” की तरह स्थापित करना चाहते हैं — एक ऐसा राजा, जो चेहरे, मोहरे और चाल से असहमत किसी भी व्यक्ति को “डिलीट” कर सकता है।

संसद में हंगामा, बिहार में विरोध

पूरा दिन संसद में इस बिल को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। विपक्षी दलों का आरोप है कि यह क़दम सिर्फ सत्ता में बैठे नेताओं को नियंत्रित करने और विपक्ष को डराने के लिए उठाया गया है। बिहार में भी विपक्षी दलों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और इसे लोकतंत्र पर हमला बताया।

राहुल गांधी का हमला

राहुल गांधी ने सीधे तौर पर कहा कि भारत का शासन लोकतांत्रिक ढाँचे से हटकर राजशाही में बदलता जा रहा है। उन्होंने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की चुप्पी पर भी सवाल उठाए और कहा कि सत्ता के गलियारों में हर कोई इस क़ानून के पीछे की कहानी जानता है, लेकिन बोलने से डर रहा है।

संवैधानिक विशेषज्ञों की चेतावनी

पीयूसीएल के महासचिव और वरिष्ठ वकील वी. सुरेश ने इस बिल को “100 प्रतिशत राजनीतिक और असंवैधानिक” करार दिया। उनके अनुसार:

  • यह बिल विपक्षी नेताओं और मुख्यमंत्रियों को डराने का औज़ार बनेगा।
  • इससे संघीय ढाँचा (Federalism) बुरी तरह प्रभावित होगा।
  • यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है और लोकतांत्रिक संस्थाओं को अप्रभावी बना देगा।
  • मोदी सरकार की रणनीति पिछले 11 सालों से यही रही है कि संविधान का ढाँचा तो बचा रहे, लेकिन उसकी कार्यक्षमता को कमजोर कर दिया जाए।

लोकतंत्र पर खतरे की घंटी

इस पूरे विवाद ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है — क्या भारत में लोकतंत्र धीरे-धीरे राजशाही की ओर धकेला जा रहा है? विपक्ष का कहना है कि यह बिल सिर्फ सत्ता केंद्रीकरण का औज़ार है और इससे लोकतंत्र की मौत तय है।

राहुल गांधी के शब्दों में, “मोदी जी को तरह-तरह के परिधान पहनना, राजा जैसा दिखना पसंद है। लेकिन आज भारतीय लोकतंत्र पर मंडरा रहा संकट एक death bell यानी खतरे की घंटी है।”

भाषा सिंह

1971 में दिल्ली में जन्मी, शिक्षा लखनऊ में प्राप्त की। 1996 से पत्रकारिता में सक्रिय हैं।
'अमर उजाला', 'नवभारत टाइम्स', 'आउटलुक', 'नई दुनिया', 'नेशनल हेराल्ड', 'न्यूज़क्लिक' जैसे
प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों

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