नफ़रती ब्रिगेड का शिकार रही खिलाड़ी ने दमदार पारी से दिया मुंहतोड़ जवाब
आईसीसी महिला वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में जब जेमिमा रोड्रिग्स ने नाबाद 127 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली, तो सिर्फ ऑस्ट्रेलिया ही नहीं, बल्कि साल भर पहले उन्हें अपमानित करने वालों को भी जवाब मिल गया। भारत ने पाँच विकेट से जीत दर्ज करते हुए फाइनल में प्रवेश किया — और जेमिमा बनीं प्लेयर ऑफ द मैच।
मैच के बाद उनकी आँखों में जो आँसू थे, वे सिर्फ खुशी के नहीं थे। वे उन गहरे घावों, ग़लत आरोपों और सामाजिक बहिष्कार की यादें भी समेटे थे, जिनसे उन्हें और उनके परिवार को पिछले साल गुजरना पड़ा था।
जब जेमिमा और उनके पिता को निशाना बनाया गया
अक्टूबर 2024 — मुंबई के सबसे पुराने क्लबों में से एक खार जिमखाना ने जेमिमा के पिता इवान रोड्रिग्स की सदस्यता रद्द कर दी। कारण बताया गया कि कुछ लोगों को लगा कि वे “धर्मांतरण” में शामिल हैं। बिना किसी सबूत या जांच के यह आरोप फैलाया गया।
फिर क्या था — सोशल मीडिया पर एक संगठित ट्रोल अभियान शुरू हो गया।
जेमिमा और उनके पिता को गालियाँ दी गईं, धमकियाँ मिलीं, यहाँ तक कि उन्हें कई टूर्नामेंट से बाहर रखा गया।
इस दौर में एक युवा खिलाड़ी के लिए यह टूटने का समय था। लेकिन जेमिमा ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने खेल से जवाब दिया — शांत, सटीक और शानदार अंदाज़ में।
आज वही खिलाड़ी भारत का सिर ऊँचा कर रही है
जब सेमीफाइनल के बाद जेमिमा मैदान पर रो रही थीं, वे सिर्फ अपनी जीत के लिए नहीं रो रही थीं। वे उस समाज की क्रूरता को भी पीछे छोड़ आई थीं, जिसने उन्हें ‘देशद्रोही’ और ‘धर्मांतरण कराने वाला परिवार’ कह दिया था।
आज वही जेमिमा भारत की हीरो हैं। उनकी बल्ले से निकले हर रन ने उन नफ़रत भरे शब्दों को चीरकर रख दिया है जो कभी उन पर फेंके गए थे।
क्या माफी मांगेंगे वे लोग?
क्या आज वे लोग, जिन्होंने जेमिमा और उनके पिता को झूठे आरोपों से बदनाम किया था, माफी मांगेंगे?
क्या वे लोग, जिन्होंने खार जिमखाना से सदस्यता रद्द कराई, अब अपनी गलती स्वीकार करेंगे?
शायद नहीं। लेकिन देश जरूर कहेगा — हम शर्मिंदा हैं। और हमें तुम पर गर्व है, जेमिमा रोड्रिग्स।
