PMO में खलबली: हितेश जैन और नवनीत सहगल के नामों से भी उठे सवाल
PMO से प्रसार भारती तक हलचल क्यों?
देश के सत्ता गलियारों में इस समय एक ही चर्चा है — खलबली।
दिल्ली से लेकर लखनऊ और प्रसार भारती से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक हलचल मची हुई है।
चर्चा तीन नामों को लेकर है:
- हीरेन जोशी
- हितेश जैन
- नवनीत सहगल
इन तीनों के आपसी कनेक्शन को लेकर अटकलें तेज हैं।
हीरेन जोशी कौन हैं?
हीरेन जोशी वही व्यक्ति बताए जाते हैं जिन्हें “मोदी का बाया हाथ” कहा जाता है —
गुजरात से लेकर दिल्ली तक मोदी के साथ काम करने वाला, और मीडिया व कम्युनिकेशन का सबसे भरोसेमंद शख्स।
उनका नाम चर्चा में आने की वजह दो घटनाएं हैं:
- हितेश जैन का अचानक इस्तीफा और घर खाली कराना
- नवनीत सहगल का प्रसार भारती से इस्तीफा
दोनों को हीरेन जोशी का करीबी बताया जा रहा है।
दो इस्तीफों से उठे सवाल
1. हितेश जैन (Member, Law Commission)
- अचानक इस्तीफा
- सरकारी घर तुरंत खाली करवाया गया
- आरोप: कानून आयोग में “बैटिंग ऐप” के लिए राह निकालने की कोशिश
2. नवनीत सहगल (पूर्व IAS, Chairman, Prasar Bharati)
- इस्तीफा दिया
- अगले ही दिन मंज़ूर
- वजह आज तक साफ नहीं
दोनों घटनाओं के पीछे PMO की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
कांग्रेस ने मांगी CBI जांच
जब देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी प्रेस कॉन्फ्रेंस करे और CBI जांच की मांग करे, मामला गंभीर हो जाता है।
कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में:
- सीधे हीरेन जोशी का नाम लिया
- इंटरनेशनल कनेक्शनों की ओर इशारा किया
- एक महिला पार्टनर का जिक्र किया — हिमानी सूद
उन्होंने आरोप लगाए कि:
“मीडिया को कंट्रोल करने वाले व्यक्ति के बिजनेस रिश्ते और बैटिंग ऐप से कनेक्शन पर जांच होनी चाहिए।”
महादेव बैटिंग ऐप से कनेक्शन?
सोशल मीडिया और कई वरिष्ठ पत्रकारों ने चर्चा उठाई है कि:
- महादेव बैटिंग ऐप
- दुबई से संचालित
- पिछले 4 साल में 50,000 करोड़ का बिजनेस
इसी संदर्भ में आरोप है कि:
- हितेश जैन कानून आयोग में जाकर
बैटिंग ऐप्स को मुलायम रास्ता दिलवाने की कोशिश कर रहे थे।
यह आरोप है, अभी किसी जांच में साबित नहीं।
मीडिया ब्लैकआउट और दबाव
दिलचस्प यह कि पवन खेड़ा की प्रेस कॉन्फ्रेंस को:
- मुख्यधारा मीडिया ने लगभग ब्लैकआउट कर दिया।
सिर्फ एक उदाहरण:
- The Print ने खबर छापी
- खबर आर्काइव में शिफ्ट
- IP एड्रेस बदल गया
यह दिखाता है कि:
“कहीं न कहीं दबाव है, और खबरें दबी जा रही हैं।”
PMO में पहली बार ऐसी हलचल?
मोदी शासन के 11 साल में पहली बार PMO इस तरह चर्चा में है।
- हीरेन जोशी अभी अपने पद पर बने हुए हैं
- उनका हश्र हितेश जैन और नवनीत सहगल जैसा नहीं हुआ
- बताया जा रहा है कि मोदी Damage Control मोड में हैं
इस समय:
- रूस के राष्ट्रपति पुतिन भारत आ रहे हैं
- और ठीक इसी समय, मोदी के मीडिया मैनेजमेंट के सबसे करीबी व्यक्ति चर्चा में हैं
यही वजह है कि हलचल और गहरी हो गई है।
दो Power Centers की चर्चा
राजनीतिक गलियारों में एक और अटकलबाज़ी है:
“PM नरेंद्र मोदी बनाम अमित शाह — दो पावर सेंटर।”
इसी संदर्भ में कहा जा रहा है कि:
- कुछ फैसलों पर अमित शाह का हस्तक्षेप
- पीएमओ के दायरे में घर्षण
इन दावों की पुष्टि नहीं है, लेकिन संदेह और चर्चा तेज हैं।
निष्कर्ष: सवाल बड़े हैं, जवाब कहां हैं?
तीन नाम, तीन इस्तीफे, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस और मीडिया ब्लैकआउट।
प्रधानमंत्री कार्यालय के लिए यह स्थिति आरामदेह नहीं।
सवाल जो देश पूछ रहा है:
- हीरेन जोशी के बिजनेस पार्टनर कौन हैं?
- क्या कनेक्शन बैटिंग ऐप तक जाते हैं?
- CBI जांच क्यों नहीं?
- PMO जवाब क्यों नहीं दे रहा?
जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर:
- रुपया गिर रहा है
- पुतिन भारत आ रहे हैं
- और चर्चा इन्हीं नामों की है
कहानी अभी खुलनी बाकी है।
