October 6, 2025 10:21 am
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Dalit Literature

हमारे सिस्टम का लोगों के प्रति संवेदनशीलता से दूर-दूर तक वास्ता नहीं

डॉ. सुमित्रा महरोल की आत्मकथा “टूटे पंखों से परवाज़” और उनका साहित्यिक सफर—पोलियो से विकलांगता झेलते हुए भी शिक्षा, लेखन और समाज के लिए प्रेरणा बनना।

टीचर बन कर क्या करोगी मैडम, आप तो दलित हैं!

जानिए दिल्ली यूनिवर्सिटी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सीमा माथुर का संघर्षमयी सफर, अंबेडकरवाद से उनका जुड़ाव, दलित जीवन व साहित्य पर उनके विचार और उनकी कविताएं।

आज भी सत्ता को क्यों लगता है ‘ठाकुर का कुआं’ से डर

बेबाक भाषा के दलित डिस्कोर्स कार्यक्रम में वरिष्ठ रचनाकार ओमप्रकाश वाल्मीकि को उनकी जयंती पर याद किया, श्रद्धांजलि दी और बताया कि आज भी ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता ठाकुर...

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