दलित साहित्य के अग्रणी लेखक मोहंदास नैमिशराय हमारे समय की मनुवादी राजनीति और सामाजिक विडंबनाओं पर तीखी टिप्पणी करते हैं। वे कहते हैं — “मनुवादी कीड़े अब भी जीवित हैं।”...
दलित साहित्य के अग्रणी लेखक मोहंदास नैमिशराय हमारे समय की मनुवादी राजनीति और सामाजिक विडंबनाओं पर तीखी टिप्पणी करते हैं। वे कहते हैं — “मनुवादी कीड़े अब भी जीवित हैं।”...