October 6, 2025 10:13 am
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वोट चोरी पार्ट -2, कौन कर रहा आपके वोट डिलीट

राहुल गांधी ने अलंद विधानसभा से 6,000 से ज्यादा वोट डिलीशन का मुद्दा उठाते हुए चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। कहा – OBC और दलित मतदाताओं के वोट काटे जा रहे हैं, चुनाव आयोग वोट चोरों को बचा रहा है।

अलंद फ़ाइल्सः राहुल गांधी का बड़ा खुलासा: “लोकतंत्र को डिलीट नहीं होने दूंगा”

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर भारतीय लोकतंत्र और चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कर्नाटक के अलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची से नाम कटने के मामले को उठाते हुए उन्होंने कहा कि देश में सुनियोजित “वोट चोरी” चल रही है। राहुल गांधी ने दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि इस पूरे ऑपरेशन को चुनाव आयोग के संरक्षण में अंजाम दिया जा रहा है।

उनके निशाने पर सीधे केंद्रीय चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार रहे, जिन पर आरोप लगाया गया कि वे “वोट चोरों को बचा रहे हैं”।

पृष्ठभूमि: अलंद से क्यों उठी वोट चोरी की गूंज?

कर्नाटक विधानसभा चुनावों से पहले और बाद में कई क्षेत्रों से मतदाता सूची में गड़बड़ियों की शिकायतें आती रही हैं। अलंद विधानसभा क्षेत्र सबसे बड़ा उदाहरण बनकर सामने आया, जहाँ से 6,000 से अधिक वोटरों के नाम डिलीट कर दिए गए।

राहुल गांधी ने इस मामले को “वोट चोरी पार्ट-2” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक विधानसभा तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश में लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश चल रही है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस: गवाहों के साथ राहुल गांधी

दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते समय राहुल गांधी के साथ वे लोग मौजूद थे जिनके नाम वोटर लिस्ट से काट दिए गए थे।

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि उनके साथ वे लोग भी खड़े थे जिनके नाम का इस्तेमाल करके फर्जी तरीके से वोट डिलीट किए गए। इन गवाहों ने मीडिया के सामने कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं थी।

एक शख्स ने बताया –
“मेरे मोबाइल नंबर से 12 लोगों के वोट डिलीट कर दिए गए, जबकि मैंने कभी ऐसा कोई मैसेज न भेजा और न ही किसी को फोन किया।”

नागराज एपिसोड: 36 सेकंड में दो वोट डिलीट

राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में नागराज नामक व्यक्ति का उदाहरण पेश किया।

उन्होंने कहा कि नागराज सुबह 4 बजे उठकर वोट डिलीट करता है। उसने केवल 36 सेकंड में दो आवेदन फाइल किए। राहुल गांधी ने तंज कसते हुए कहा –
“सुबह चार बजे कौन उठकर दो वोट डिलीट करता है और फिर सो जाता है? यह कोई सामान्य व्यक्ति नहीं कर सकता, बल्कि यह सेंट्रली गाइडेड ऑपरेशन है।”

CID की जांच: 18 महीनों में 18 चिट्ठियां

राहुल गांधी ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक CID की चल रही जांच का भी हवाला दिया।

  • CID ने पिछले 18 महीनों में चुनाव आयोग को 18 चिट्ठियां लिखीं।
  • इन चिट्ठियों में तीन साधारण जानकारियां मांगी गईं:
    • डेस्टिनेशन IP एड्रेस – जहाँ से वोट डिलीशन के फार्म भरे गए।
    • डिवाइस डेस्टिनेशन पोर्ट्स – जिनसे एप्लिकेशन फाइल हुए।
    • OTP ट्रेल्स – क्योंकि बिना OTP वोट डिलीशन संभव नहीं।

लेकिन हैरानी की बात यह रही कि चुनाव आयोग ने इन 18 चिट्ठियों का एक बार भी जवाब नहीं दिया।

राहुल गांधी ने कहा –
“अगर चुनाव आयोग यह जानकारी दे दे तो तुरंत साफ हो जाएगा कि यह पूरा ऑपरेशन कहाँ से चल रहा है। लेकिन उनकी चुप्पी ही सबकुछ बयां कर रही है।”

चुनाव आयोग का जवाब

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया। उनका कहना था कि –
“कोई भी आम व्यक्ति ऑनलाइन जाकर किसी का वोट डिलीट नहीं कर सकता।”

लेकिन सवाल यह है कि फिर अलंद विधानसभा से 6,018 वोट कैसे गायब हुए? और क्यों CID की जांच को चुनाव आयोग सहयोग नहीं दे रहा?

राहुल गांधी के दो बड़े दावे

राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो अहम दावे किए –

  1. OBC और दलित समुदाय को टारगेट किया जा रहा है
    उनका कहना था कि वोट डिलीशन का सबसे ज्यादा असर OBC और दलित मतदाताओं पर पड़ रहा है। जिन वर्गों का वोट बीजेपी को नहीं मिलता, उनके नाम सूची से गायब किए जा रहे हैं।
  2. चुनाव आयोग के भीतर से मदद मिलने लगी
    राहुल गांधी ने यह भी कहा कि अब चुनाव आयोग के सिस्टम के भीतर से उन्हें मदद मिल रही है।
    “पहले ऐसा नहीं था, लेकिन अब हमें अंदर से जानकारी मिल रही है। यह संकेत है कि अंदर भी लोग लोकतंत्र बचाने के लिए खड़े हो रहे हैं।”

लोकतंत्र पर संकट

राहुल गांधी ने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा करना मूल रूप से उनकी जिम्मेदारी नहीं है। यह जिम्मेदारी संवैधानिक संस्थाओं की है। लेकिन जब ये संस्थाएँ अपना कर्तव्य निभाने में नाकाम हो रही हैं, तब उन्हें यह जिम्मेदारी उठानी पड़ रही है।

उनका सबसे बड़ा संदेश था –
“मैं लोकतंत्र को डिलीट नहीं होने दूंगा।”

राजनीतिक मायने: क्यों अहम है यह खुलासा?

राहुल गांधी का यह हमला केवल चुनाव आयोग पर नहीं, बल्कि पूरे राजनीतिक सिस्टम पर है।

  • OBC और दलित समुदाय को निशाना बनाए जाने का आरोप बीजेपी के लिए गंभीर है।
  • 2024 और 2025 के चुनावी समीकरणों में यह मुद्दा विपक्ष के लिए हथियार बन सकता है।
  • राहुल गांधी की यह रणनीति साफ है – वे खुद को लोकतंत्र के “संरक्षक” के रूप में पेश करना चाहते हैं।

जनता और विपक्ष की प्रतिक्रिया

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद विपक्षी दलों ने राहुल गांधी का समर्थन किया और चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए। सोशल मीडिया पर #VoterDeletion और #SaveDemocracy जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।

कई नागरिक संगठनों ने भी यह मांग उठाई कि चुनाव आयोग को तुरंत पारदर्शिता बरतनी चाहिए और CID को सहयोग करना चाहिए।

आगे क्या?

राहुल गांधी ने साफ संकेत दिए कि यह मामला यहीं खत्म नहीं होगा। उन्होंने कहा –
“पिक्चर अभी बाकी है, थोड़ा और इंतजार करो।”

इससे साफ है कि कांग्रेस आने वाले समय में वोट डिलीशन के और सबूत पेश करेगी और इसे एक बड़ा राष्ट्रीय मुद्दा बनाने की तैयारी कर रही है।

भाषा सिंह

1971 में दिल्ली में जन्मी, शिक्षा लखनऊ में प्राप्त की। 1996 से पत्रकारिता में सक्रिय हैं।
'अमर उजाला', 'नवभारत टाइम्स', 'आउटलुक', 'नई दुनिया', 'नेशनल हेराल्ड', 'न्यूज़क्लिक' जैसे
प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों

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