अमेरिका के दो सबसे ताक़तवर पुरुष दोस्ती को दुश्मनी में बदल ले रहे खुला मोर्चा
अमेरिकी राजनीति में ऐसा तू-तू, मैं-मैं का मुकाबला पहले कभी नहीं देखा गया।
एक तरफ़ हैं Donald Trump, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और राष्ट्रपति चुनाव के सबसे मज़बूत उम्मीदवार।
दूसरी तरफ़ हैं Elon Musk, दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति, SpaceX और Tesla के मालिक।
इस बार लड़ाई ट्विटर वॉर या बयानबाज़ी तक सीमित नहीं, बल्कि आर्थिक हितों, पॉलिसी, और भविष्य की राजनीति पर सीधा टकराव बन गई है।
🗣️ क्या कहा ट्रम्प ने?
ट्रम्प ने अपने बयान में एलन मस्क पर तीखा हमला किया। कहा:
“मस्क इतिहास का सबसे बड़ा सरकारी लाभ पाने वाला इंसान है। Subsidy हटा दूंगा तो Tesla, SpaceX सब ठप्प हो जाएंगे। और फिर तुझे दक्षिण अफ्रीका लौटना पड़ेगा।”
ट्रम्प का इशारा मस्क के जन्मस्थान पर था। मस्क का जन्म दक्षिण अफ्रीका में हुआ था, बाद में वे अमेरिका शिफ्ट हुए। ट्रम्प ने यह भी कहा:
“Electric Vehicles अच्छी हैं, लेकिन सबको मजबूर नहीं किया जा सकता। Subsidy खत्म, तो Tesla की दुकान बंद।”
⚡ Elon Musk का जवाब
मस्क भी पीछे नहीं हटे। उन्होंने अपने X (पूर्व Twitter) पर लिखा:
“अब अमेरिका वालों, जाग जाओ। नई पार्टी बनाने का समय आ गया है।”
उन्होंने सीधे तौर पर ट्रम्प और रिपब्लिकन पार्टी को पॉलिटिकली चैलेंज किया। मस्क ने कहा कि वह Subsidy पर निर्भर नहीं हैं और उनका production नहीं रुकेगा।
🔍 क्यों भड़के ट्रम्प?
इस पूरी लड़ाई की जड़ में है “Big Beautiful Bill”, जिसमें EV subsidy पर कटौती की योजना है।
- ट्रम्प administration का तर्क: सब्सिडी खत्म कर Taxpayer का पैसा बचाओ।
- मस्क का तर्क: इससे emerging industries और jobs खत्म हो जाएंगी।
ट्रम्प ने कहा, “Tesla, SpaceX की सब्सिडी बंद कर दूंगा, ना rocket launch होगा, ना satellite।”
लेकिन असल सवाल यह है कि क्या NASA के पास विकल्प हैं? SpaceX के बिना अमेरिका का space programme काफी हद तक रुक जाएगा क्योंकि NASA ने outsourcing मॉडल अपना रखा है।
💰 बिज़नेस और पॉलिटिक्स की जंग
ट्रम्प और मस्क – दोनों ही businessman हैं, लेकिन उनकी priorities अलग हैं:
🔹 Interest | Trump | Musk |
AI Regulation | Free market, कोई प्रतिबंध नहीं | कड़ी regulation की मांग |
China Factor | चीन विरोध | Tesla का Shanghai giga factory चीन में |
EV Subsidy | कटौती | सब्सिडी जारी रखने की मांग |
Space Contracts | Lockheed Martin को preference | SpaceX के contracts कटे |
Immigration & Students | विदेशी छात्रों के खिलाफ policy | Global skilled workforce पर निर्भर |
🏫 विदेशी छात्रों पर असर
ट्रम्प administration international students की visa policy सख्त करने जा रही है।
- कोर्स की अवधि पूरी होने पर तुरंत exit का proposal।
- भारतीय छात्र सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
- Harvard University और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में विरोध शुरू।
ट्रम्प का सपना: White supremacist America, जहां non-white migrants की जगह सीमित हो।
लेकिन irony यह है कि: ट्रम्प के दादा खुद जर्मनी से migrate हुए थे। जर्मन नेताओं ने एक बार ट्रम्प को उनके दादा का birth certificate भी gift किया था, याद दिलाने के लिए कि “तू भी बाहर से आया है बेटा!”
🚀 Space & Defence Contracts
ट्रम्प administration ने SpaceX को कई military launch contracts दिए लेकिन बाद में Lockheed Martin और ULA को preference दी। इससे मस्क का शक गहराया कि उन्हें sidelined किया जा रहा है।
🇨🇳 China पर राय
- ट्रम्प: चीन के खिलाफ trade war छेड़ा, tariff बढ़ाया।
- मस्क: चीन में Tesla की giga factory, वहां से electric vehicles की global supply।
ट्रम्प ने मस्क को “China puppet” तक कहा है।
🗳️ नई पार्टी का संकेत
मस्क का कहना कि “अमेरिका को नई पार्टी चाहिए”, ट्रम्प के लिए बड़ा political खतरा है।
- ट्रम्प के बेटे Eric Trump राष्ट्रपति बनने की इच्छा जता चुके हैं।
- मस्क का नई पार्टी का एलान उनकी राह में रोड़ा बन सकता है।
📉 पिछले नुकसान
ट्रम्प के राष्ट्रपति रहते मस्क की संपत्ति 4.4 लाख करोड़ रुपये घट गई थी।
मस्क ने तभी ट्रम्प से दूरी बनाना शुरू की थी।
🔥 ट्रम्प की भाषा और इमेज
ट्रम्प ने सिर्फ मस्क ही नहीं, बल्कि Israel के PM Netanyahu, New York के भारतीय मूल के संभावित मेयर ममदानी, और international students – सभी पर offensive language का इस्तेमाल किया है। यह उनकी politics का हिस्सा है जिसमें racism, misogyny और ultra-nationalism का cocktail है।
🏁 निचोड़: कौन किसका बेड़ा गर्क करेगा?
ट्रम्प और मस्क की लड़ाई सिर्फ दो व्यक्तियों की नहीं, पूरे अमेरिका की political economy का भविष्य तय करने वाली लड़ाई है।
- क्या मस्क America First politics को challenge कर पाएंगे?
- क्या ट्रम्प उन्हें पूरी तरह political और economic front पर crush कर देंगे?
- या फिर business और politics का यह गठबंधन और भी खतरनाक रूप लेगा?